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अस्थि संचय (फूल चुनना) चौथा करने की प्रक्रिया

Post by - Pt. Mukesh Paliwal

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भाता बनाने वाले पहले स्नान करले उसके बाद भाता तैयार करें भाता और इसमें प्रयोग होने वाली सामग्री का विवरण सबसे नीचे दिया हुआ है | भाता तैयार करने के बाद सफेद कपड़े पर पत्तल रखकर ऊपर उबले गेंहू, दोनो प्रकार के चीला, परांठे, बर्फी रख कर कपड़े को बांध कर तैयार कर लें | भाता और जो दीपक तेल वाला जल रहा था उसे जलता हुआ ही शमशान लेकर जाएं

दीपक को श्मशान में किसी पीपल के पेड़ के पास रख दें
उसके बाद पहले फूल चुने
फूल चुनने के लिए सबसे पहले चिता पर दूध के छींटे लगाएं फिर गंगाजल के छींटे लगाएं उसके बाद पहले पैरों की उंगलियां फिर हाथों को उंगलियां फिर छाती से और मस्तक से फूल लेकर साफ जगह रख लें फिर उन्हें दूध और गंगाजल से धोएं और चंदन से चर्चित करें फिर सफेद थैली में भर लें

इसके बाद चिता सारी राख हटा दें या वहीं पास में जल के छींटे लगा कर भाता खोलकर रखें चीला और परांठे के टुकड़े करके पत्तल पर चारों ओर बिखेरे उसपर गेंहू बिखेरे और चारों ओर बर्फी रख दें, दो डिस्पोजल ग्लास लें एक में दूध रखें एक में गंगाजल रखें
इसके बाद एक जौ के आटे में थोड़े काले तिल डालकर एक पिंड तैयार करें उसे भाता के पास अलग पत्ते पर या दौने में रखें

और बोले आप श्मशान की अग्नि से दग्ध हुए हो और बंधवों ने आपको त्याग दिया है यह दूध है और यह गंगाजल है इस दूध से स्नान करो और गंगाजल का पान करो


इसके बाद भगवान विष्णु से प्रार्थना करें
ॐ अनादि निधनो देव
शंख चक्र गदाधर
अक्षय पुण्डरिकाक्ष
प्रेत मोक्ष प्रदो भव |
यह तीन बार पढ़ें

इसके बाद फूल (अस्थि) की थैली या तो वहीं श्मशान में रख दें और दश दिन के अंदर गंगाजी में विसर्जित करें या उसी दिन भी कर सकते हैं

वापस स्नान करके घर में आएं और नया दीपक घी का रखें नए दीपक के लिए हांडी में थोड़ी रेत या बालू भर लें जिससे दीपक हांडी के बीच स्थान तक आ जाए
नीचे जमीन पर भी बालू या रेत डालें उसके ऊपर हांडी रखें ध्यान रहे हांडी में चारों ओर छेद करवा लें फिर हांडी में घी से तैयार किया दीपक रखें और उसे प्रकलित करें
दीपक की लौ दक्षिण दिशा की ओर रखें

इसके बाद दशगात्र विधि करें इसका लिंक >>>>


सामिग्री
सफेद कपड़े की थैली
सफेद कपड़ा
पत्तल 1
डिस्पोजल ग्लास 2
गेंहू उबले हुए
नमकीन चीला 4
मीठे चीला 4
परांठे 4
बर्फी 4 पीस
कच्चा दूध
गंगाजल
चंदन
जौ का आटा 100 ग्राम
काले तिल
कच्चा सूत

हांडी मय ढक्कन के
हांडी में सात आठ छेद करवाने है
दीपक मिट्टी का एक जो हांडी के अंदर आ सके
बालू या रेत
रुई
घी
धूपबत्ती


डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। Allsearch.in इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।